Sunday 16 July 2023

(2.2.8) सफलता पाने के ग्यारह सूत्र Safalata Ke Gyarah Sutra चाणक्य नीति Chankya Quotes

 

सफलता पाने के ग्यारह सूत्र Safalata Ke Gyarah Sutra 

चाणक्य नीति Chankya Quotes

चाणक्य का जन्म एक कुलीन ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनके जन्म का नाम विष्णुगुप्त था. वे मेधावी, विद्वान्, नीतिमान और अत्यंत प्रभावशाली थे. वे महान प्रतिभा के धनी थे. कूटनीतिज्ञ के रूप में चाणक्य का स्थान भारतीय राजनीति में सर्वोपरि माना जाता है. उनके द्वारा एक साधारण युवक चन्द्रगुप्त मौर्य को विशाल मगध साम्राज्य का अधिपति बना देना कोई साधारण बात नहीं थी. उन्होंने मगध साम्राज्य की राज्य व्यवस्था का बौद्धिक संचालन इतनी कुशलता से किया कि चन्द्रगुप्त का शासन सुदृढ़ से सुदृढ़तर होता चला गया. चन्द्रगुप्त को एक सफल सम्राट बनाने का श्रेय चाणक्य को ही जाता है.

आइये, ऐसे ही सफल राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ के सफलता दिलाने वाले सुन्दर विचारों को जाने -  

पहला –

अपने  व्यवहार में बहुत अधिक सरल मत रहो। जंगल  में सीधे पेड़ों को पहले  काटा जाता है और टेढ़े पेड़ों को छोड़ दिया जाता है।  

दूसरा -  

संतुलित मतिष्क के समान कोई आत्म संयम नहीं है , संतोष के समान कोई सुख नहीं है , लालच के समान कोई व्याधि नहीं है , और दया के समान कोई गुण नहीं है।   

तीसरा -      

 दूसरों की गलतियों से सीखो।आप का जीवन इतना लम्बा नहीं होता  है कि हर बात को सीखने के लिए आप गलती करें।  

चौथा –

सबसे बड़ा गुरु मन्त्र है,"अपने रहस्यों को कभी भी प्रकट मत करो ,यह (प्रकट करना )आप का विनाश कर देगा।  

पाँचवा -   

प्रत्येक कार्य को शुरू करने से पहले, अपने आपसे हमेशा तीन प्रश्न पूछो ,- मैं इसे क्यों कर रहा हूँ , इसके संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं इसमें सफल हो जाऊंगा ?जब आप

 छठा -

इन पर गहनता से विचार कर लें और प्रश्नों का संतोष जनक उत्तर मिल जाये ,तो आप उस कार्य के लिए आगे  बढ़िये।

सातवाँ -

जो कुछ भी पहले  हो चुका है उसके लिए उद्विग्न नहीं होना चाहिए न ही भविष्य के लिए चिंतित होना चाहिए। विवेकी व्यक्ति केवल वर्तमान पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हैं।     

आठवाँ - 

ज्योंही भय आपके नजदीक आये , उस पर आक्रमण करके उसे नष्ट कर दो।      

नवां –

आप से उच्च या निम्न श्रेणी के व्यक्तियों  से मित्रता मत करो। ऐसी मित्रता से आप को कोई लाभ नहीं मिलेगा।

दसवाँ

जब आप किसी कार्य को शुरू  कर देते हो , तो असफलता से मत डरो और न ही उसे बीच में छोडो। निष्ठा पूर्वक कार्य करने वाले लोग ही सफल होते हैं और  प्रसन्न रहते हैं।  

ग्यारहवाँ -      

किसी भी चीज के बाहरी रूप को देख कर आप उसके बारे में निर्णय नहीं करें।जो कुछ बाहर से दिखाई देता है, जरूरी नहीं कि अंदर से भी वैसा ही हो।