Friday 28 July 2023

(6.5.9) विष्णु गायत्री मन्त्र इसके लाभ और जप करने की विधि Vishnu Gayatri Mantra Ke Laabh

 विष्णु गायत्री मन्त्र इसके लाभ और जप करने की विधि Vishnu Gayatri Mantra Ke Laabh

विष्णु गायत्री मन्त्र के लाभ और जप करने की विधि

धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान् ब्रह्मा, विष्णु और महेश अर्थात् शिव को त्रिदेव माना जाता है. इन त्रिदेवों में से भगवान् ब्रह्मा को सृजनकर्ता, भगवान् विष्णु को पालनकर्ता और भगवान् शिव को संहारकर्ता के रूप में जाना जाता है.

भगवान् विष्णु से सम्बंधित कई मंत्र और स्तोत्र हैं. विष्णु गायत्री मंत्र भी उनमें से एक है. विष्णु गायत्री मन्त्र का जप करने के लाभ इस प्रकार हैं –

विष्णु गायत्री मन्त्र का प्रतिदिन जप करने से परिवार में शान्ति रहती है.

सभी प्रकार की सम्पन्नता आती है.

बौद्धिक स्तर बढ़ता है जिससे सोचने व समझने की क्षमता का विकास होता है.

जपकर्ता के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और उसको उसके प्रयासों में सफलता मिलती है. अनिश्चितता की स्थति नहीं रहती है. लक्ष्य स्पष्ट दिखने लगता है.

विद्यार्थियों की धारणा शक्ति बढ़ती है और परीक्षा में सफलता मिलती है.

विष्णु गायत्री मन्त्र का जप करने की विधि –

दैनिक कार्य से निवृत्त होकर पूर्व या उत्तर की तरफ मुँह करके ऊन के आसन पर बैठ जाएँ. भगवान् विष्णु का चित्र अपने सामने रख लें. धूपबत्ती व दीपक जलाएं. अपनी आँखें बंद करके भगवान् विष्णु का ध्यान करें. ध्यान इस प्रकार है –

उदीयमान करोड़ों सूर्य के समान प्रभातुल्य, अपने चारों हाथों में शंख, गदा, पद्म तथा चक्र धारण किये हुये और दोनों भागों में भगवती लक्ष्मी और पृथ्वीदेवी से सुशोभित, किरीट, मुकुट, केयूर, हार और कुण्डलों से समलंकृत, कौस्तुभमणि तथा पीताम्बर से देदीप्यमान, विग्रहयुक्त एवं वक्षःस्थल पर श्रीवत्सचिह्न धारण किये हुए भगवान् विष्णु का मैं निरन्तर स्मरण – ध्यान करता हूँ.

ध्यान के बाद विष्णु गायत्री मन्त्र का पाँच, तीन या एक माला का जप करें. विष्णु गायत्री मन्त्र इस प्रकार है -       

ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्

विष्णु गायत्री मन्त्र का जप करने के बाद भावना करें कि भगवान् विष्णु का आपको आशीर्वाद मिल रहा है और आप पर उनकी कृपा वृष्टि हो रही है. इसके बाद पूजा का स्थान छोड़ दें और अपनी दिन चर्या में लग जाएँ.

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