Tuesday 18 July 2023

(4.2.1) Hawan Karte Samay 'Swaahaa / Swaha Kyon Bola Jata Hai

 

हवन करते समय ‘स्वाहा’ शब्द का उच्चारण क्यों किया जाता है ? Hawan Karte Samay ‘Swahaa’ kyon Bola Jata Hai ?

 

हिंदू मान्यता के अनुसार शुभ कार्य या अनुष्ठान में हवन किया जाता है. हवन करते समयस्वाहा’शब्द का उच्चारण किया जाता है और ‘स्वाहा’ शब्द का उच्चारण करते हुए हविष्यान्न यानि हवन सामग्री को हवन कुंड में अर्पित किया जाता है. इस हवन सामग्री का भोग अग्नि के माध्यम से देवताओं तक पहुंचाया जाता है. कोई भी यज्ञ या हवन तब तक सफल नहीं माना जाता है, जब तक अर्पित की गई सामग्री को देवता ग्रहण नहीं कर ले और देवता इस सामग्री को तभी ग्रहण करते हैं जब अग्नि के द्वारा ‘स्वाहा’ के माध्यम से यह सामग्री अर्पित की जाती है.

वास्तव में सनातन धर्म में ‘स्वाहा’ एक देवी का नाम है. यह देवी राजा दक्ष प्रजापति की बेटी थी और इनका विवाह अग्निदेव के साथ किया गया था. स्वाहा देवी को यह वरदान था कि जब कोई व्यक्ति किसी भी सामग्री को अग्नि देव के सहारे हवन करके देवताओं तक पहुंचाना चाहता है, तो वह सामग्री देवताओं के पास तब तक नहीं पहुंचेगी जब तक उस देवी नाम अर्थात ‘स्वाहा’ शब्द का उच्चारण न कर लिया जाए. इसी कारण से जब भी किसी मंत्र का उच्चारण किया जाता है तो उस मंत्र के अंत में ‘स्वाहा’ बोलते हुए वह सामग्री अग्नि में अर्पित की जाती है और देवी ‘स्वाहा’ के माध्यम से ही अग्निदेव उस सामग्री के देवताओं तक पहुंचाते हैं.

इसी कारण से अर्पित की गई सामग्री को देवताओं तक पहुंचाने के लिए ‘स्वाहा’ शब्द का उच्चारण किया जाता है.