Thursday 3 August 2023

(6.3.5) ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे Navaarn Mantra / om aing hreem kleemchaamundaaye vichche

ॐ ऐं  ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे Navaarn Mantra / om aing hreem kleemchaamundaaye vichche

दुर्गा मंत्र (सम्पन्नता ,शांति ,आनन्द और बुद्धि हेतु )


देवी दुर्गा हिन्दू धर्म के अनुसार लोक प्रिय देवी है।उसे दिव्य माता के रूप में जाना जाता है जो कि करुणा ,शक्ति ,नैतिकता और संरक्षण का प्रतीक मानी जाती है।वह उसके भक्तो को बुरी शक्तियों से बचाकर उनकी रक्षा करती है।देवी दुर्गा को देवी लक्ष्मी ,सरस्वती और काली का मिश्रित रूप  माना जाता है। इसलिए इन तीनों देवियों  की शक्तियां देवी दुर्गा में समाहित हैं। जिस से वह  अपने भक्तों  को सम्पन्नता ,शांति ,प्रसन्नता ,बुद्धि और स्वास्थ प्रदान  करने में सक्षम है।

मंत्र जप प्रक्रिया :-

सुबह स्नान करके ऊनी  आसन पर पूर्व या  उत्तर में मुख करके किसी शांत स्थान पर बैठ जाएँ।देवी दुर्गा का चित्र अपने सामने रख लें।अपनी आखें बंद करके देवी दुर्गा का  ध्यान करें ।भावना करें कि देवी दुर्गा जगत की माता है जो अपने भक्तों की इच्छा पूर्ति करती है।कष्टों से मुक्त करके उन्हें प्रसन्नता,सम्पन्नता,शक्ति व बुद्धि देती है।ऐसी देवी दुर्गा को मैं प्रणाम करता हूँ  और प्रार्थना करता हूँ कि वे मुझे प्रसन्नता,सम्पन्नता,शक्ति व बुद्धि  का आशीर्वाद प्रदान करें।

ऐसी भावना व प्रार्थना के बाद देवी के इस मंत्र का पाँच, सात या ग्यारह माला का जप करें. 

मन्त्र इस प्रकार है -

 

 ॐ ऐं  ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।

जब मंत्र जप समाप्त हो जाये तो तुरन्त उस स्थान को नहीं छोड़ें।थोड़ी देर शांत बैठे और आखें बंद करके देवी के असीम स्नेह पर मनन करें।मन में भावना करें कि देवी दुर्गा ने आपकी प्रार्थना को स्वीकार कर लिया है।वे आप पर आशीर्वाद की वर्षा कर रहीं हैं।पूरा विश्वास करें कि देवी की कृपा से आपको प्रसन्नता,सम्पन्नता ,शांति और बुद्धि की प्राप्ति हो रही है।आपकी मनोकामना पूरी हो रही है।फिर पूजा का स्थान छोड़ दें।