Sunday 2 October 2016

(2.1.13) Take Risk for progress / जीवन में सफलता और जोखिम

जीवन में जोखिम का महत्व  No risk, no gain / Pragati ke liye jokhim aavashyak hai ? प्रगति के लिए जोखिम आवश्यक है / सफलता और जोखिम 

जोखिम का महत्व / प्रगति और सफलता के लिए जोखिम जरूरी है 
जीवन में प्रत्येक कार्य में जोखिम है। यदि आप हँसते हो तो लोग आपको मूर्ख समझ सकते हैं।यदि आप रोते हैं तो  आपके भावुक दिखने की जोखिम है। यदि आप दूसरों की सहायता करते हैं तो संलिप्तता  की जोखिम है ( अर्थात यदि आप दूसरों की सहायता करते हो या उनमें रूचि दिखाते हो  तो लोगों को लगता  है कि इसमें आप का कोई  हित निहित है। ) यदि आप अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं तो आपके वास्तविक स्वरूप के प्रकट होने की जोखिम है।यदि आप लोगों को अपने विचार और कल्पनाओं के बारे में बतायें तो वे आप को अनुभव हीन समझ सकते हैं। दूसरों से प्रेम करने में भी जोखिम है क्योंकि यह निश्चित नहीं है कि  बदले में आप को प्रेम मिले।यहाँ  तक कि  जीने में भी मरने की जोखिम है। यदि आप किसी बात की आशा करते हैं  तो इसमें निराशा की जोखिम होती है। प्रयास  करने में असफल होने का डर रहता है।
लेकिन आप बिना जोखिम  उठाये कुछ नहीं कर सकते हैं।बिना जोखिम का जीवन स्वयं में सबसे बड़ा खतरा है। जो व्यक्ति जोखिम नहीं उठाता हैं वह जीवन के दुःख व कठिनाइयों को कुछ समय के लिए तो  टाल सकता है लेकिन वह सीख कुछ नहीं सकता। वह  कुछ भी नया अनुभव प्राप्त नहीं कर सकता है। वह न तो स्वयं को बदल सकता है और न ही अन्य व्यक्तिओं व चीजों को तथा न ही वह जीवन को  ढंग से जी सकता है।
जोखिम नहीं उठाने का  लाभ यह है कि वह व्यक्ति थोड़े समय के लिए कष्टों और दुखों को टाल सकता हैं। लेकिन वह कोई भी महत्वपूर्ण कार्य नहीं कर सकता है , उसके पास देने व कहने के लिए कुछ भी नहीं होता और वह जीवन में कुछ भी नहीं बन पाता  है। वह व्यक्ति जो जोखिम उठाता है,  नई चीजें सीखता है, नया अनुभव प्राप्त करता है, अपनी स्थिति को बदल सकता है , एक महत्वपूर्ण व्यक्ति  के रूप में जाना जाता है, जीवन को सही ढंग से जीता है और आने वाली मुश्किलों का सामना कर पाता है।      
( जेनेट रैंड )