Importance of Shiv Pooja in Shraavan month / Shravan maah tatha Shiv Pooja / Shrawan maas me Shiv Pooja Ka Mahatva / श्रावण मास में शिव पूजा / भगवान् शिव की कृपा पाने के लिए शिव पूजा / मनोकामना सिद्धि हेतु शिव पूजा
श्रावण मास शिवजी को जितना प्रिय है उतना सम्पूर्ण वर्ष में कोई भी माह प्रिय नहीं है अत: इस माह में महामृत्युंजय मन्त्र, शिव सहस्त्र नाम, रुद्राभिषेक, शिव महिम्न स्त्रोत, पंचाक्षर मन्त्र आदि का जितना अधिक जप कर सकें, करें व शिव चालीसा का पाठ करें। यदि स्वयं से जप आदि करना संभव नहीं हो तो किसी विद्वान् ब्राह्मण से करवाएं। श्रावण भगवान का प्रिय माह होने से मनोकामनाओं का इच्छित फल प्रदान करने वाला माह है।श्रावण मास में पूरे माह व्रत रखना चाहिए। स्कन्ध पुराण में तीस अध्याय हैं प्रतिदिन उसके एक अध्याय का पाठ करें अथवा श्रवण करें। प्रात: काल ब्रह्म मुहूर्त में स्नानादि से निवृत्त हो जायें और स्वच्छ वस्त्र धारण कर प्रतिदिन शिव मंदिर जाकर शिवजी की पूरी श्रद्धा से पूजा करें। नियम पूर्वक प्रतिदिन निश्चित संख्यां में ( पाँच, ग्यारह, इक्कीस, इकतीस, इक्कावन ) बिल्व पत्र भगवान शंकर को चढ़ावें।
इस माह में रुद्राष्टाध्यायी पाठ द्वारा शिव जी को पंचामृत से अभिषेक करें तथा शिव जी का रुद्री पाठ द्वारा सहस्त्र धारा से अभिषेक करें। सहस्त्र धारा अभिषेक हेतु तांबे के कलश के चौड़े पैंदे में एक हजार एक सौ एक छोटे - छोटे जल निकलने लायक छिद्र करवा दें। यदि एक हजार एक सौ एक छिद्रों में से एक सौ एक छिद्र बंद भी हो जायेंगें तो भी एक हजार छिद्र तो रहेंगें जिनके द्वारा जल निकल सकेगा।
श्रावण के सोमवार -
श्रावण मास में आने वाले सभी सोमवारों का व्रत करना चाहिए इन सोमवारों का व्रत करके शिवजी की पूजा करने वाले व्यक्ति पर शिवजी की विशेष कृपा होती है।
विशेष - इस माह में हो सके जहाँ तक हरी सब्जियों का त्याग करना चाहिए।