Sunday 2 October 2016

(1.1.21) Prarthana - Urja ka Srot /ऊर्जा का शक्तिशाली स्रोत है , प्रार्थना

Prarthana kee shakti /ऊर्जा का शक्तिशाली स्रोत है , प्रार्थना / Prayer is the source of energy

प्रार्थना मानसिक  ऊर्जा का शक्तिशाली स्रोत है।यह ऊर्जा व्यक्ति को उसके जीवन में आने वाली अवांछित स्थितियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करती है। कभी - कभी आपकी समस्याएं ऐसी होती है कि आप अपने घनिष्ठ सम्बन्धी या मित्र से भी उनका उल्लेख नहीं करना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में प्रार्थना ही एक मात्र समाधान है। प्रार्थना के माध्यम से आप  अपनी समस्या को शब्दों के रूप में प्रकट कर सकते हैं। प्रार्थना से आपमें यह भावना विकसित होती है कि आप अपनी समस्या का सामना करने के लिए अकेले नहीं हैं। जब आप प्रार्थना करते हैं, तो आप उस अक्षय प्रेरक शक्ति से सम्बन्ध जोड़ लेते हैं जो इस संसार को बांधे रखती है।
प्रार्थना करने के लिए सामान्य बातें  -  
1.थोड़े समय के लिए शांत होकर अकेले बैठें। अपनी व्यक्तिगत बातों या समस्याओं की तरफ से ध्यान हटा कर ईश्वर व दिव्य शक्ति पर अपना ध्यान केन्द्रित करें। ईश्वर के बारे में स्वाभाविक तरीके से सोचें  और चिंतन करें।
2.  ईश्वर से सहज और स्वाभाविक तरीके से बात करो। इस के लिये औपचारिक शब्दों की आवश्यकता नहीं है। अपनी सहज भावना का प्रयोग करो।
3.अनुभव करो कि ईश्वर आपके पास हैं, वे आपकी  सहायता कर रहे हैं और आपको आशीर्वाद दे रहे हैं।
4.जो आप चाहते हैं, उसे ईश्वर से मांगे लेकिन साथ ही यह भी कहे कि जो ईश्वर की इच्छा होगी वही आपकी इच्छा बनेगी।
5.अच्छा से अच्छा और दृढ़ता पूर्वक कुछ कर पाने हेतु ईश्वर  से प्रार्थना करो, लेकिन परिणाम ईश्वर पर छोड़ दो।
6. जब आप प्रार्थना करें तो सकारात्मक सोच रखें।  
7. विश्वास रखो कि ईश्वर द्वारा आपकी प्रार्थना स्वीकार की जाएगी।
8. ध्यान रखो , जो आप के लिए असंभव है, वह ईश्वर के लिए संभव है।