Tuesday 27 September 2016

(3.1.34) Mantra Jap Ki Mahatvapoorn Baate/ Important hints for Mantra Jap

मंत्र जप के बारे में महत्वपूर्ण बातें /Mantra jap kee Mahatvapoorn Baaten / Important hints for Mantra Jap 

साधक अपने इच्छित मन्त्र मंत्र का जप करता है तथा अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने की आशा करता है।  परंतु कभी- कभी अपेक्षित परिणाम  नहीं आ पाते हैं।  अपेक्षित परिणाम पाने के लिए साधक को निम्नांकित बातों को ध्यान में रखना चाहिए -
> साधना स्थल शांत होना चाहिए।
> जप इस प्रकार करना चाहिए कि मन्त्र का उच्चारण होता रहे, होठ हिलते रहे परन्तु पास बैठा व्यक्ति भी उन्हें सुन न सके।
> मन्त्र की प्रतिदिन कम से कम एक माला का जप अवश्य करें। समय  और रुचि हो तो तीन, पांच, सात या अधिक माला का जप करना चाहिए।
> जप करते समय उपासक आराध्यदेव के चित्र का ध्यान करे। जप का लाभ तभी होता है जब वह एकाग्रतापूर्वक किया जाए। जप साधना के समय विकारों का अन्यत्र घूमना लाभप्रद नहीं होता है।
> शरीर की शुद्धि करके धुले हुए और स्वच्छ वस्त्र को पहनकर तथा पलती लगाकर बैठना चाहिए।
> मल-मूत्र त्याग या किसी अनिवार्य कार्य के लिए बीच में उठाना पड़े तो हाथ पैर धोकर फिर से बैठना चाहिए। > जप न धीरे-धीरे हो और न ही अधिक तीव्र। यह स्वाभाविक गति से चलाना चाहिए।
> मंत्र जप के समय किसी आसान का प्रयोग किया जाना चाहिए।  ऊन या कुश से बने  आसान का उपयोग करना चाहिए।
साधना के लिए चित्त का स्वस्थ होना आवश्यक है।
> ह्रदय में श्रद्धा और भक्ति की भावना हो।
> मन को सब ओर से हटाकर एकाग्र किया जाए तभी साधना में सफलता मिलती है।
> साधक को फल प्राप्ति के लिए उतावला नहीं होना चाहिए और न ही किसी चत्मकार की आशा करनी चाहिए।  ईश्वर आपकी आवश्यकताओं और भावनाओं को समझते हैं , तदुनुरूप ही परिणाम आएगा ।
> धैर्य, श्रद्धा और विश्वास  रखना चाहिए।