Janmaashtami / Krishna Janmaashtami / कृष्ण जन्माष्टमी / जन्माष्टमी व्रत तथा उत्सव
जन्माष्टमी कब और क्यों मनाई जाती है ?
जन्माष्टमी को भगवान कृष्ण के जन्म दिवस के रूप में पूरे भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है। भगवान कृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। इस अवतार का मुख्य उद्देश्य इस धरती को राक्षसों के शासन और बुराई से मुक्त करना था। उन्होंने कंस सहित कई दुर्जनों का संहार किया था तथा महाभारत में वर्णित कौरवों और पाण्डवों के बीच हुये युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं। भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी, बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में अर्द्ध रात्रि के समय वृषभ राशि के चन्द्रमा में हुआ था अत: अधिकांश उपासक व्रत के दिन का निर्धारण करने में उपरोक्त बातों का ध्यान रखते हैं।
जन्माष्टमी व्रत का महत्व -
जन्माष्टमी व्रत का महत्व -
यह व्रत बालक , युवा ,वृद्ध - सभी स्त्री - पुरुष करते हैं। इससे पापों का नाश होता है और सुख सौभाग्य में वृध्दि होती है।