Thursday 22 September 2016

(7.2.4) Yagyopaveet Muhurat / Upnayan Sanskaar Muhurat (in Hindi)

Janeo Muhurat / Yagyopaveet Sanskar Muhurat / Muhurat for Yagyopaveet / Upnayan Sanskaar Muhurat / उपनयन संस्कार के लिए मुहूर्त / जनेव के लिए मुहूर्त /

पनयन संस्कार सोलह संस्कारों में से एक है। इसके मुहूर्त हेतु निम्नांकित बातों को ध्यान में रखा जाता है - 
1. उम्र / आयु - शिशु के जन्म से ब्राह्मण को पांचवें या आठवें वर्ष में, क्षत्रिय को छठे या ग्यारहवें वर्ष में, वैश्यों को आठवें या बारहवें वर्ष में उप नयन संस्कार करना चाहिए। यदि इन वर्षों में यह संस्कार नहीं हो सके तो ब्राह्मणों को सोलहवें वर्ष तक , क्षत्रियों को बाइसवें वर्ष तक  तथा वैश्यों को चौबीसवें वर्ष तक उपनयन संस्कार करा सकते हैं।  
2. माह - उत्तरायण में देवशयन से पूर्व उपनयन या जनेऊ संस्कार करना शुभ रहता है।  
3. तिथियाँ - शुक्ल पक्ष की 2,3,5, 10, 11, 12 तथा कृष्ण पक्ष की 1, 2, 3, 5 तिथियों में। 
4.  वार - रविवार, सोमवार, बुधवार, गुरूवार, शुक्रवार। 
5.  नक्षत्र - अश्विनी, रोहिणी,मृगशिरा, पुनर्वसु, आर्द्रा, पुष्य, अश्लेषा, तीनों पूर्वा, तीनों उत्तरा, हस्त, चित्रा , स्वाति, अनुराधा, मूल, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, रेवती। 
6. समय - संक्रांति दिन, गुरु- शुक्र के अस्तकाल को छोड़ कर मध्यान्ह के पहले अभिजित शुभ है। चैत्र में मीन के सूर्य में यज्ञोपवीत संस्कार  श्रेष्ठ है।