Parivaar men Shanti tatha Sneh Ke LiyeDurga Manra दुर्गा मंत्र (परिवार में शांति व स्नेह हेतु )
दुर्गा, देवी का अवतार है जो दिव्य शक्तियों का प्रतीक है।ऐसा विश्वास किया जाता है कि दुर्गा,देवी लक्ष्मी ,काली ,और सरस्वती की शक्तियों का मिश्रित रूप है।उसमें उसके भक्तों को सम्पन्नता,शांति ,प्रसन्नता ,शक्ति और बुद्धि देने का सामर्थ्य है।मंत्र जप की प्रक्रिया :-
सुबह स्नान करके ऊनी आसन पर पूर्व या उत्तर की तरफ मुख करके किसी शांत स्थान पर बैठ जाएँ।देवी दुर्गा का चित्र अपने सामने रख लें।अपनी आखें बंद करके देवी दुर्गा का ध्यान करें ।भावना करें कि देवी दुर्गा जगत की माता है जो अपने भक्तों की इच्छा पूर्ति करती है।कष्टों से मुक्त करके उन्हें प्रसन्नता,सम्पन्नता,शक्ति व बुद्धि देती है।ऐसी देवी दुर्गा को मैं प्रणाम करता हूँ और प्रार्थना करता हूँ कि वे मुझे मन की शांति दे ,मेरे परिवार में शांति व प्रसन्नता और स्नेह का वातावरण बनाये रखें ।परिवार के सभी सदस्य सकारात्मक तथा स्नेह पूर्ण भावना के साथ रहें।
ऐसी प्रार्थना और भावना के बाद निम्नाकित मंत्र का 540 बार (पांच माला का) जप तीन माह तक प्रतिदिन करें।अपेक्षित परिणाम हेतु इस मंत्र का 125000 बार जप करना चाहिए। मंत्र निम्न अनुसार है :-
या देवी सर्व भूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता ,
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै ,नमस्तस्यै नमो नमः।
मंत्र जप के बाद आखें बंद करके शांत भाव से बैठें और देवी दुर्गा के असीम स्नेह पर मनन करें।अपने मन में भावना तथा विश्वास करें कि देवी दुर्गा ने आपकी प्रार्थना को स्वीकार कर लिया है।वे आप पर और आप के परिवार पर उनका आशीर्वाद उड़ेल रहीं हैं।देवी दुर्गा की कृपा से आपके परिवार में स्नेह व शांति का वातावरण उत्पन्न होगा।(For English translation click here)